ज्ञान तेरा अनंत है , वीणा जिसकी मधुर है , कृपा हो इसकी जिस पर , वो पूरे ब्रह्मांड मैं सर्व ज्ञानी है , आओ वंदना करे ऐसी मूरत की जो , स्वयं बसंत ऋतु के रूप मैं दर्शन देने आई है |
है वीणा वादनी , है ज्ञान प्रदायनी , है विधा की भंडार , आपका स्वागत है ,